Friday, October 24, 2014

अगर कोई इन्सान बहुत'हंसता'है,
तो अंदर से वो बहुत'अकेला'है !
अगर कोई इन्सान बहुत'सोता'है,
तो अंदर से वो बहुत'उदास'है !
अगर कोई इन्सान खुद को बहुत'मजबूत'
दिखाता है और रोता नही,
तो वो अंदर से बहुत'कमजोर'है !
अगर कोई जरा जरा सी बात पर'रो'देता है,
तो वो बहुत'मासूम'और'नाजुक दिल'का है !
अगर कोई हर बात पर'नाराज़'हो जाता है,
तो वो अंदर से बहुत'अकेला'और जिन्दगी में'प्यार
की कमी'महसूस करता है !
लोगों को'समझने'की कोशिश कीजिये,
जिन्दगी किसी का'इंतज़ार'नही करती

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