जो ख़ामोशी से आपकी तकलीफ का अंदाज़ा ना कर सके,
उसके सामने तकलीफ को जुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ़्ज़ों को जाया करना है।
पटाने को तो हम भी पटा लेते
शहर की सारी लडकियां ...
मगर इस बादशाह को
इश्क का शौक है ,
आवारगी का नही....!!😜
दिल में न हो जुर्अत तो
मुहब्बत नहीं मिलती
खैरात में इतनी बड़ी
दौलत नहीं मिलती ।
कुछ लोग यूँ ही शहर में
हमसे भी खफ़ा हैं
हर एक से तो अपनी भी
तबीअत नहीं मिलती ।
[
देखा था जिसे मैंने
कोई और था शायद
वो कौन है जिससे तेरी
सूरत नहीं मिलती ।
हँसते हुए चेहरों से है
बाज़ार की ज़ीनत
रोने की यहाँ वैसे भी
फ़ुरसत नहीं मिलती ।
उसके सामने तकलीफ को जुबान से इज़हार करना सिर्फ लफ़्ज़ों को जाया करना है।
पटाने को तो हम भी पटा लेते
शहर की सारी लडकियां ...
मगर इस बादशाह को
इश्क का शौक है ,
आवारगी का नही....!!😜
दिल में न हो जुर्अत तो
मुहब्बत नहीं मिलती
खैरात में इतनी बड़ी
दौलत नहीं मिलती ।
कुछ लोग यूँ ही शहर में
हमसे भी खफ़ा हैं
हर एक से तो अपनी भी
तबीअत नहीं मिलती ।
[
देखा था जिसे मैंने
कोई और था शायद
वो कौन है जिससे तेरी
सूरत नहीं मिलती ।
हँसते हुए चेहरों से है
बाज़ार की ज़ीनत
रोने की यहाँ वैसे भी
फ़ुरसत नहीं मिलती ।
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