: मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन ।
सदियों-सदियों से वही तमाशा
रस्ता रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है न जाने कौन ।
🍃 "चलते रहे कदम दोस्तों,
किनारा जरुर मिलेगा ।
अन्धकार से लड़ते रहे,
सवेरा जरुर खिलेगा ।
जब ठान लिया मंजिल पर जाना,
रास्ता जरुर मिलेगा ।
ए राही न थक, चल..
एक दिन समय जरुर फिरेगा।"🍃
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन ।
सदियों-सदियों से वही तमाशा
रस्ता रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है न जाने कौन ।
🍃 "चलते रहे कदम दोस्तों,
किनारा जरुर मिलेगा ।
अन्धकार से लड़ते रहे,
सवेरा जरुर खिलेगा ।
जब ठान लिया मंजिल पर जाना,
रास्ता जरुर मिलेगा ।
ए राही न थक, चल..
एक दिन समय जरुर फिरेगा।"🍃
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