Thursday, October 2, 2014

इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि,
धरती पराई लगने लगे l
इनती खुशियाँ भी न देना कि,
दुःख पर किसी के हंसी आने लगे ।
नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिनका,
निर्बल पर प्रयोग करूँ l
नहीं चाहिए ऐसा भाव कि,
किसी को देख जल-जल मरूँ ।
ऐसा ज्ञान मुझे न देना,
अभिमान जिसका होने लगे I
ऐसी चतुराई भी न देना जो,
लोगों को छलने लगे ।

No comments:

Post a Comment