यमराज : चित्रगुप्त एक ऐसी मशिन बनाओ की कोई झूठ बोले तो पता चले..!
चित्रगुप्त : ठिक है प्रभू...!!
चित्रगुप्त ने एक घंटा बनवाया जो झूठ बोलने पर बजता था..
दुसरे दिन थोडी थोडी देर मे घंटा बजने लगा...
रात को घंटा अचानक ज़ोर ज़ोर से ....
टन..
टन टन ..
टन टन टन ..
बजने लगा....
यमराज : चित्रगुप्त, ये क्या हो रहा है..? ये घंटा एक साथ ईतनी ज़ोर ज़ोर से क्यॅूं बज रहा है..??
चित्रगुप्त : प्रभू..!!! सारे पती अपनी पत्नीयों से बांते कर रहे है...!
😆😆😆
चित्रगुप्त : ठिक है प्रभू...!!
चित्रगुप्त ने एक घंटा बनवाया जो झूठ बोलने पर बजता था..
दुसरे दिन थोडी थोडी देर मे घंटा बजने लगा...
रात को घंटा अचानक ज़ोर ज़ोर से ....
टन..
टन टन ..
टन टन टन ..
बजने लगा....
यमराज : चित्रगुप्त, ये क्या हो रहा है..? ये घंटा एक साथ ईतनी ज़ोर ज़ोर से क्यॅूं बज रहा है..??
चित्रगुप्त : प्रभू..!!! सारे पती अपनी पत्नीयों से बांते कर रहे है...!
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