Thursday, October 2, 2014

Dedicated to all busy frds

     ज़िन्दगी के इस कश्मकश मैं
     वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ ,
     लेकिन वक़्त का बहाना बना कर ,
अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता !

जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है ,

           पर जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे
               वो ऊंचाई किस काम की!!!..

No comments:

Post a Comment