Wednesday, March 4, 2015

तु दिल से ना जाये तो मैं क्‍या करूतु ख्‍यालों से ना जाये तो मैं क्‍या करूकहते है ख्‍वावों में होगी मुलाकात उनसेपर नींद न आये तो मैं क्‍या करू ”




“आप पास रहे या दूरहम दिल से दिल की आवाज मिला सकते हैना खत के, ना टेलिफोन के मौहजात है हमआपके दिल को एक हिचकी से हिला सकते है हम ”



आप से मिलकर हम कुछ बदल से गयेशेर पडने लगे गुनगुनाने लगेपहले मशूहर थी अपनी संजिदगीअब तो लोगो से मिलने मिलाने लगे..



 आशिकों की किस्मत में जुदा होना ही लिखा होता है,सच्चा प्यार होता है तो दिल को खोना ही लिखा होता है,सब जानते हुए भी में भी प्यार उससे कर बैठा,भूल गया के मोहब्बत में सिर्फ रोना ही लिखा होता है|



.मेरे गम का क्या सबब है क्या तुम्हे मालूम हैदर्द सहना भी अदब है क्या तुम्हे मालूम हैमानता हूं है बहुत काली मेरी लैला मगरसादगी उसकी गज़ब है क्या तुम्हे मालूम हैइश्क है गहरा समन्दर पार जाता है वहीडूबने का जिसको ढ़ब है क्या तुम्हे मालूम है.



‬: ये चार काग़ज़, ये लफ्ज़ ढाईहै उम्र भर की यही कमाईकिसी ने हम पर जिगर उलीचाकिसी ने हमसे नज़र चुराईदिया ख़ुदा ने भी ख़ूब हमकोलुटाई हमने भी पाई-पाईन जीत पाए, न हार मानीयही कहानी, ग़ज़ल, रुबाईन पूछ कैसे कटे हैं ये दिनन माँग रातों की यूँ सफाई


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