BIWI CHALISAA.
Biwi सेवा सच्ची सेवा।
जो करे वो खाये मेवा🍩।
जो Biwi के
पाँव दबावै !
बस ❄ वैकुंठ
परम पद पावै।
जो Biwi की
करे गुलामी
ना ❎ आये
कोई परेशानी ।
जो Biwi की
धोवे 🃏
साङी ....👚
उसकी किस्मत
जग 🌏 से न्यारी…
भूत 😈 👺 👹 पिशाच निकट नहिं आवै।
जो Biwi के
कीर्तन गावै ।
अतः Biwi
खुश तो
लाईफ 💥 खुश ।
ध्यान रहे
Biwi सेवा ही
सभी तीर्थो का पुण्य है।
हाथ जोड़ कर कीजिये,पत्नी जी का ध्यान ।
घर में खुशहाली रहे ,हो जाये कल्यान ।।
घरवाली को नमन कर , माला लेकर हाथ ।
मुख से पत्नी-वन्दना बोलो मेरे साथ ।।
जय पत्नी देवी कल्यानी ।
माया तेरी ना पहचानी ।।
तुमसे सारे देवता हारे ।
डर से थर-थर कांपें सारे ।।
नहिं चरित्र तुम्हरा कोई जाना ।
नर क्या ईश्वर ना पहचाना ।।
अपरम्पार तुम्हारी माया ।
कोई इसका पार न पाया ।।
लगो देखने में तुम गुड़िया ।
हो लेकन आफत की पुड़िया ।।
हे मेरे बच्चों की माता ।
तुम हो मेरी भाग्यविधाता ।।
है बेलन हथियार तुम्हारा ।
जब चाहा सिर पर दे मारा ।।
ऐसी तेरी निकले बोली ।
जैसे हो बंदूक की गोली ।।
हम तुमसे डरते हैं ऐसे ।
चोर पुलिस से डरता जैसे ।।
ऐसा है आतंक तुम्हारा ।
बिच्छू जैसा डंक तुम्हारा ।।
करे पती जो पत्नी-सेवा ।
मिलती उसको सच्ची मेवा ।।
पत्नी-वन्दना जो कोई गावे ।
जीवन में कोई कष्ट न पावे । ।
प्रभु दीक्षित कर पत्नी-वन्दन ।
पत्नी का कर लो अभिनन्दन ।।
वन्दहु पत्नी मुख-कमल,गुणअवगुण की खान ।
मिले नहीं बिन आपके पतियों को सम्मान ।।
।। बोलो पत्नी रानी की जय
Biwi सेवा सच्ची सेवा।
जो करे वो खाये मेवा🍩।
जो Biwi के
पाँव दबावै !
बस ❄ वैकुंठ
परम पद पावै।
जो Biwi की
करे गुलामी
ना ❎ आये
कोई परेशानी ।
जो Biwi की
धोवे 🃏
साङी ....👚
उसकी किस्मत
जग 🌏 से न्यारी…
भूत 😈 👺 👹 पिशाच निकट नहिं आवै।
जो Biwi के
कीर्तन गावै ।
अतः Biwi
खुश तो
लाईफ 💥 खुश ।
ध्यान रहे
Biwi सेवा ही
सभी तीर्थो का पुण्य है।
हाथ जोड़ कर कीजिये,पत्नी जी का ध्यान ।
घर में खुशहाली रहे ,हो जाये कल्यान ।।
घरवाली को नमन कर , माला लेकर हाथ ।
मुख से पत्नी-वन्दना बोलो मेरे साथ ।।
जय पत्नी देवी कल्यानी ।
माया तेरी ना पहचानी ।।
तुमसे सारे देवता हारे ।
डर से थर-थर कांपें सारे ।।
नहिं चरित्र तुम्हरा कोई जाना ।
नर क्या ईश्वर ना पहचाना ।।
अपरम्पार तुम्हारी माया ।
कोई इसका पार न पाया ।।
लगो देखने में तुम गुड़िया ।
हो लेकन आफत की पुड़िया ।।
हे मेरे बच्चों की माता ।
तुम हो मेरी भाग्यविधाता ।।
है बेलन हथियार तुम्हारा ।
जब चाहा सिर पर दे मारा ।।
ऐसी तेरी निकले बोली ।
जैसे हो बंदूक की गोली ।।
हम तुमसे डरते हैं ऐसे ।
चोर पुलिस से डरता जैसे ।।
ऐसा है आतंक तुम्हारा ।
बिच्छू जैसा डंक तुम्हारा ।।
करे पती जो पत्नी-सेवा ।
मिलती उसको सच्ची मेवा ।।
पत्नी-वन्दना जो कोई गावे ।
जीवन में कोई कष्ट न पावे । ।
प्रभु दीक्षित कर पत्नी-वन्दन ।
पत्नी का कर लो अभिनन्दन ।।
वन्दहु पत्नी मुख-कमल,गुणअवगुण की खान ।
मिले नहीं बिन आपके पतियों को सम्मान ।।
।। बोलो पत्नी रानी की जय
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