एक बार 3 लोग बैठ के बातें कर रहे थे और बड़ी जोर जोर से हंस रहे थे, उन में से -एक किसी मीडिया चैनल का मालिक था, एक विदेशी था,एक नेता था
सब से पहले विदेशी बोला -
यहाँ के लोग तो मुर्ख हैं,हमारा कूड़ा खाते हैं।
हमारे कुत्तो की साबुन से नहाते हैं।
हमारे बनाये कीटनाशक को अमृत समझ के पीते हैं।
इनकी ही गौ माता को मार कर हम
मैग्गी, लेज, और सभी सामानों में मिलाते हैं।
ये मुर्ख ब्रांडेड समझ के मजे से खा जाते हैं।
नीम की दातुन को छुङवा के, लगा दिया कोलगेट घिसने पे।
जो बनती है, जानवरों की हड्डी पिसने पे।
दीवाली जैसे त्यौहारों पे भी,
अब ये हमारी चोकलेट -कुरकुरे खाते हैं
और अपनी गौ माता के दूध में मिलावट बताते हैं।
हम यहाँ बैठ कर इनको, अपने इशारे पे नचवाते हैं।
राम सेतु आदि यहाँ बैठ के तुड्वाते हैं।
यह थे कभी दुनिया के मालिक, आज नौकर इनको बना दिया।
आसमान से पटक कर, मिट्टी में इनको मिला दिया।
पर अक्ल इन मूर्खो को अभी भी नहीं आई
आज भी ब्रांडेड से नहाते हैं, ब्रांडेड खाते हैं।
ब्रांडेड चलाते हैं, ब्रांडेड पहनते हैं
हा हा हा हा हा
पूरे कमरे में गूंज रही, ठहाको की फुलवारी थी।
अब विदेशी के बाद नेता की बारी थी।
दारु का गिलास उठा के नेता बोला।
अरे विदेशी भाई तुमने हमको कम तोला।
ये लोग तुम्हारे गुलाम न होते।
हम अगर आपके साथ न होते।
हमने सोने की चिड़िया को रुलाया है।
यहाँ का राज हमने ही तुम्हे दिलाया है।
तुमने तो सिर्फ पैसा और सामान दिया है।
असली पागल तो इनको हमने किया है।
कभी जात के नाम पे ,कभी धर्म के नाम पे,
हमने भाई भाई को लड़ाया है।
हम देश को निचोड़ के बेच देंगे तुम इत्मीनान रखना।
बस पैसा कम न हो जाये मेरे स्विस खाते का ख्याल रखना।
इसी बीच मीडिया वाला चिल्लाया तोड़ दारु की बोतल, जोर से बङबङाया
तुम दोनों कुछ भी न होते,
हम अगर आपके साथ न होते
तुम्हारी हर नीच हरकत हम छुपाते हैं।
पकड़ के किसी बेकसूर को ज़ालिम ज़ालिम चिल्लाते हैं।
ब्रांडेड आपके इसलिए बिकते हैं, क्यूँ की हर ब्रेक में हमारे दिखते हैं।
विदेशी सामान का असली सच हम दिखाते नहीं हैं।
इसलिए अच्छे स्वदेशी प्रोडक्ट टिक पाते नही हैं।
अच्छे भले लोगों को हम फंसा रहे हैं।
इसलिए आप सबको मुर्ख बना रहे हैं।
हर चैनल हर एंकर बिकता है ।
इसलिए सुबह 6 बजे हर जगह विदेशी प्रोडक्ट दिखता है।
अगर सिर्फ 24 घंटे हम ईमांनदारी से खबरें चला दें
तुम दोनों को एक दिन में जेल भिजवा दें
एक बार 3 लोग बैठ के बातें कर रहे थे और बड़ी जोर जोर से हंस रहे थे, उन में से -एक किसी मीडिया चैनल का मालिक था, एक विदेशी था,एक नेता था
सब से पहले विदेशी बोला -
यहाँ के लोग तो मुर्ख हैं,हमारा कूड़ा खाते हैं।
हमारे कुत्तो की साबुन से नहाते हैं।
हमारे बनाये कीटनाशक को अमृत समझ के पीते हैं।
इनकी ही गौ माता को मार कर हम
मैग्गी, लेज, और सभी सामानों में मिलाते हैं।
ये मुर्ख ब्रांडेड समझ के मजे से खा जाते हैं।
नीम की दातुन को छुङवा के, लगा दिया कोलगेट घिसने पे।
जो बनती है, जानवरों की हड्डी पिसने पे।
दीवाली जैसे त्यौहारों पे भी,
अब ये हमारी चोकलेट -कुरकुरे खाते हैं
और अपनी गौ माता के दूध में मिलावट बताते हैं।
हम यहाँ बैठ कर इनको, अपने इशारे पे नचवाते हैं।
राम सेतु आदि यहाँ बैठ के तुड्वाते हैं।
यह थे कभी दुनिया के मालिक, आज नौकर इनको बना दिया।
आसमान से पटक कर, मिट्टी में इनको मिला दिया।
पर अक्ल इन मूर्खो को अभी भी नहीं आई
आज भी ब्रांडेड से नहाते हैं, ब्रांडेड खाते हैं।
ब्रांडेड चलाते हैं, ब्रांडेड पहनते हैं
हा हा हा हा हा
पूरे कमरे में गूंज रही, ठहाको की फुलवारी थी।
अब विदेशी के बाद नेता की बारी थी।
दारु का गिलास उठा के नेता बोला।
अरे विदेशी भाई तुमने हमको कम तोला।
ये लोग तुम्हारे गुलाम न होते।
हम अगर आपके साथ न होते।
हमने सोने की चिड़िया को रुलाया है।
यहाँ का राज हमने ही तुम्हे दिलाया है।
तुमने तो सिर्फ पैसा और सामान दिया है।
असली पागल तो इनको हमने किया है।
कभी जात के नाम पे ,कभी धर्म के नाम पे,
हमने भाई भाई को लड़ाया है।
हम देश को निचोड़ के बेच देंगे तुम इत्मीनान रखना।
बस पैसा कम न हो जाये मेरे स्विस खाते का ख्याल रखना।
इसी बीच मीडिया वाला चिल्लाया तोड़ दारु की बोतल, जोर से बङबङाया
तुम दोनों कुछ भी न होते,
हम अगर आपके साथ न होते
तुम्हारी हर नीच हरकत हम छुपाते हैं।
पकड़ के किसी बेकसूर को ज़ालिम ज़ालिम चिल्लाते हैं।
ब्रांडेड आपके इसलिए बिकते हैं, क्यूँ की हर ब्रेक में हमारे दिखते हैं।
विदेशी सामान का असली सच हम दिखाते नहीं हैं।
इसलिए अच्छे स्वदेशी प्रोडक्ट टिक पाते नही हैं।
अच्छे भले लोगों को हम फंसा रहे हैं।
इसलिए आप सबको मुर्ख बना रहे हैं।
हर चैनल हर एंकर बिकता है ।
इसलिए सुबह 6 बजे हर जगह विदेशी प्रोडक्ट दिखता है।
अगर सिर्फ 24 घंटे हम ईमांनदारी से खबरें चला दें
तुम दोनों को एक दिन में जेल भिजवा दें
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