Friday, November 7, 2014

एक कलाकार था....
उसके घर पर बहुत मच्छर हो गये, तो उनसे परेशान होकर उसने मच्छरदानी लगानी शुरू की, अब हुआ यूँ कि, भाई साहब की मच्छरदानी में एक छेद हो गया....

अब उसमें से मच्छर अन्दर आते और काटते, सो तकलीफ जस की तस रही....

सिलाई करना आता नहीं था, अब करे तो करे क्या??
आखिर उसके कलाकार दिल ने एक उपाय ढूंढ ही निकाला, उसने उस छेद के सामने एक और छेद कर दिया....

और एक छोटी पाइप लेकर आरपार रख दी, अब मच्छर एक छेद में से जाते दुसरे में से बाहर ....

ये कहानी तो यहाँ पूरी हो गयी....

लेकिन काश हम भी अपने दिमाग में एक ऐसी खिड़की रख सकें,
एक ऐसी आरपार वाली पाइप रख सके....
हमें चुभने वाले, काटने वाले.... परेशान करने वाले विचारों को ऐसे ही बायपास कर दे....
तो जीवन कितना सुन्दर हो..!!



इन्कार किया जिन्होंने मेरा समय देखकर ,
वादा हे मेरा उन लोगो से ,
ऐसा समय भी लाऊंगा की,
मिलना पड़ेगा मुझसे समय लेकर .....

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