Wednesday, November 12, 2014

मिली थी जिन्दगी
      किसी के 'काम' आने के लिए..

           पर वक्त बित रहा है
     कागज के टुकड़े कमाने के लिए..
                             
   क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..?
 ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'

       और ये मौत के फ़रिश्ते तो
           'रिश्वत' भी नही लेते...

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लडकियाँ हर मोड़ पे डरती हैं,
अकेली हो तो सुनसान राहों का डर,
भीड़ में हो तो लोगों का डर,
हवा चले तो दुपट्टा उड़ने का डर,
कोई देखे तो उसकी आँखों का डर,
बचपन हो तो माँ बाप का डर,
जवान हो तो भाइयों का डर,
वो डरती हैं और तब तक डरती हैं,
जब तक इन्हें कोई जीवन साथी नहीं मिल जाता,
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और यही वो शख्स होता है,
,
जिससे वो सबका बदला लेती है ।

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