Thursday, September 10, 2020

 *ज़रा थाम लो*

कोई हाथ काँपता मिले अगर

उसे थाम लो उसे थाम लो

*ज़रा थाम लो*


मुस्कुराहटों में छुपा हुआ

कोई ग़म कहीं दबा हुआ.... 

पहचान लो पहचान लो

*ज़रा थाम लो*


कहीं ज़िन्दगी से लड़ा कोई

और बिखरने से डरा कोई..... 

उसे बाँहों में अपनी थाम लो

*ज़रा थाम लो*


गुमनाम हो या खोया कोई

सन्नाटो में रोया कोई...... 

कभी ज़ोर से उसका नाम लो

*ज़रा थाम लो*


इतना दूर कोई ना जा सके

के लौट के फिर ना आ सके.... 

उसे ज़िन्दगी का पैगाम दो

*ज़रा थाम लो*


कोई डूबता अगर दिखे

खुद से रूठता अगर दिखे.... 

तिनका ही बन उसे थाम लो

*ज़रा थाम लो*


ना अँधेरी कोई राह हो

भरता कोई ना आह हो ..... 

अब मशाल हाथों में थाम लो

*ज़रा थाम लो*

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