Sunday, September 13, 2020

 *जरा सोचिए -*

*विज्ञान हमे कहाँ ले आया???*


*वो कुँए का मैला कुचला पानी*

*पिके भी 100 वर्ष जी लेते थे*


*हम RO का शुद्ध पानी पीकर*

*40 वर्ष में बुढे हो रहे है।*


*वो घाणी का मैला सा तैल खाके बुढ़ापे में भी दौड़~मेहनत कर लेते थे।*

 

*हम डबल~ट्रिपल फ़िल्टर तैल*

*खाकर जवानी में भी हाँफ जाते* है।*

 

 *वो डले वाला नमक खाके* 

*बीमार ना पड़ते थे।*


*हम आयोडीन युक्त खाके* 

*हाई~लो बीपी लिये पड़े है।*


 *वो नीम~बबूल कोयला नमक*

*से दाँत चमकाते थे और 80 वर्ष*

*तक भी चब्बा~चब्बा कर खाते* थे।*


*और हम कॉलगेट सुरक्षा वाले रोज डेंटिस्ट के चक्कर लगाते है ।।*


*वो नाड़ी पकड़ कर*

*रोग बता देते थे और*


*आज जाँचे कराने पर भी*

*रोग नहीं जान पाते है।*


*वो 7~8 बच्चे जन्मने वाली माँ 80 वर्ष की अवस्था में भी* *घर~खेत का काम करती थी।*


*आज 1महीने से डॉक्टर की देख~रेख में रहते है फिर भी बच्चे पेट फाड़ कर जन्मते है।।*


*पहले काले गुड़ की मिठाइयां*

*ठोक ठोक के खा जाते थे।*


*आजकल तो खाने से पहले ही* 

*सुगर की बीमारी हो जाती है।*


*पहले बुजर्गो के भी*

*घुटने नहीं दुखते थे।*


*जवान भी घुटनो और कन्धों*

*के दर्द से कहराता है ।*


*1 9 9 0 में ~*

*लड़कियां डरती थी कि* 

*सास कैसी मिलेगी* 😂 😂


*2 0 1 7 में ~*

*सास डरती है कि* 

*लड़की कैसी मिलेगी* 😂 😂


*और भी बहुत सी समस्याये है फिर भी लोग इसे विज्ञान का युग कहते है, समझ नहीं आता ये विज्ञान का युग है या अज्ञान का ???*

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