Sunday, September 13, 2020

 *कभी साथ बैठो...*

*तो कहूँ कि दर्द क्या है...*


*अब यूँ दूर से पूछोगे...*

*तो ख़ैरियत ही कहेंगे !!!*


 *मकानों के भाव*

      *यूँ ही नहीं बढ़ गए...दोस्तो,*


*रिश्तों में पड़ी दरारों का*

   *फायदा बिल्डर उठा गए...!!*


 *सुख मेरा काँच सा था~*

*न जाने कितनों को चुभ गया..!!!*


 *आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,*

*दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया*


 *किसी ने मुझ से पूछा कि पूरी जिंदगी में क्या किया ?* 

*मैंने हसकर जवाब दिया ,* 

*किसी के साथ छल कपट नहीं किया..*

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