Sunday, September 13, 2020

 स्त्रियो को समर्पित 👵👱‍♀👵


एक स्त्री द्वारा लिखित बेहद संवेदन शील और अन्दर तक झकझोरने वाला लेख..😢


मुझे याद नहीं कि बचपन में कभी सिर्फ इस वजह से स्‍कूल में देर तक रुकी रही होऊं कि बाहर बारिश हो रही है। ना। भीगते हुए ही घर पहुंच जाती थी। और तब बारिश में भीगने का मतलब होता था घर पर अजवाइन वाले गर्म सरसों के तेल की मालिश। और ये विदाउट फेल हर बार होता ही था। मौज में भीगूं तो डांट के साथ-साथ सरसों का तेल हाजिर। 


फिर जब घर से दूर रहने लगी तो धीरे-धीरे बारिश में भीगना कम होते-होते बंद ही हो गया। यूं नहीं कि बाद में जिंदगी में लोग नहीं थे। लेकिन किसी के दिमाग में कभी नहीं आया कि बारिश में भीगी लड़की के तलवों पर गर्म सरसों का तेल मल दिया जाए। कभी नहीं। 


ऐसी सैकड़ों चीजें, जो मां हमेशा करती थीं, मां से दूर होने के बाद किसी ने नहीं की। 


किसी ने कभी बालों में तेल नहीं लगाया। मां आज भी एक दिन के लिए भी मिले तो बालों में तेल जरूर लगाएं। 


बचपन में खाना मनपसंद न हो तो मां दस और ऑप्‍शन देती। अच्‍छा घी-गुड़ रोटी खा लो, अच्‍छा आलू की भुजिया बना देती हूं। मां नखरे सहती थी, इसलिए उनसे लडि़याते भी थे। लेकिन बाद में किसी ने इस तरह लाड़ नहीं दिखाया। मैं भी अपने आप सारी सब्जियां खाने लगीं। 


मेरी जिंदगी में मां सिर्फ एक ही है। दोबारा कभी कोई मां नहीं आई, हालांकि बड़ी होकर मैं जरूर मां बन गई। लड़कियां हो जाती हैं न मां अपने आप।। पति कब छोटा बच्‍चा हो जाता है, कब उस पर मुहब्‍बत से ज्‍यादा दुलार बरसने लगता है, पता ही नहीं चलता। उनके सिर में तेल भी लग जाता है, ये परवाह भी होने लगती है कि उसका फेवरेट खाना बनाऊं, उसके नखरे भी उठाए जाने लगते हैं। 


लड़कों की जिंदगी में कई माएं आती हैं। बहन भी मां हो जाती है, पत्‍नी तो होती ही है, बेटियां भी एक उम्र के बाद बूढ़े पिता की मां ही बन जाती हैं, लेकिन लड़कियों के पास सिर्फ एक ही मां है। बड़े होने के बाद उसे दोबारा कोई मां नहीं मिलती। वो लाड़-दुलार, नखरे, दोबारा कभी नहीं आते।


*लड़कियों को जिंदगी में सिर्फ एक ही बार मिलती है मां..*.👵🙏🙏🙏😢😢😢

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