01 : - सज्जन की राय का उल्लंघन न करें।
02 : - गुणी व्यक्ति का आश्रय लेने से निर्गुणी भी गुणी हो जाता है।
03 : - दूध में मिला जल भी दूध बन जाता है।
04 : - मृतिका पिंड (मिट्टी का ढेला) भी फूलों की सुगंध देता है। अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवशय पड़ता है जैसे जिस मिटटी में फूल खिलते है उस मिट्टी से भी फूलों की सुगंध आने लगती है।
05 : - मुर्ख व्यक्ति उपकार करने वाले का भी अपकार करता है। इसके विपरीत जो इसके विरुद्ध आचरण करता है, वह विद्वान कहलाता है।
06 : - विनाश का उपस्थित होना सहज प्रकर्ति से ही जाना जा सकता है।
07 : - अधर्म बुद्धि से आत्मविनाश की सुचना मिलती है।
08 : - चुगलखोर व्यक्ति के सम्मुख कभी गोपनीय रहस्य न खोलें।
09 : - राजा के सेवकों का कठोर होना अधर्म माना जाता है।
10 : - दूसरों की रहस्यमयी बातों को नहीं सुनना चाहिए।
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