Thursday, September 10, 2020

 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹


          *जैसे कर्म करेगा, वैसा....*


शर्माजी ऊपर के कमरे मे महीनों से उपेक्षित पड़ी माँ का हालचाल पूछने चाय का कप लेकर गए थे....


वापस उतर कर आये तो पत्नी ने टोक दिया....."क्या बात है... आज तो बड़ा माताजी का समाचार लिया जा रहा है ......

 

क्या श्रवण कुमार बनने का इरादा जाग रहा है मन मे....


"अरे कुछ नहीं.... वो पीछे वाली दुकान के लिए ग्राहक आ रहे हैं..... मैं तो बस दाम बढने की राह देख रहा था.... अब हस्ताक्षर तो मां का हीं चाहिए होगा ना कागजो पर... इसीलिए एक प्याली चाय ..... मक्खन वाली ... समझा करो.... शर्माजी ने धीरे से से असल बात पत्नी को बताई....


शाम को सोफे पर बैठकर शर्माजी चाय की चुस्कियाँ लेने लगे..... और दिनों से आज चाय मे दूध का स्वाद कुछ ज्यादा ही बढा हुआ था। स्वाद कुछ अलग लगा तो पूछ बैठे.... "चाय किसने बनाई है आज ...


"आपकी बिटिया ने बनाई है..... पहली बार कुछ बनाया है जाकर रसोई मे.... वो भी अपनी इच्छा से"... 


पत्नी बताते हुए फूली न समा रही थी.....


सचमुच !... अरे वाह ! .... चलो बिटिया समझदार हो रही है .... कहाँ है हमारी राजकुमारी.....भई इतनी अच्छी चाय का इनाम तो बनता है" .....शर्माजी प्रसन्नता की सीढ़ियाँ चढ़ रहे थे.... 


यहीं है .... अपने कमरे मे..... वो उसकी सहेली आई है ना, पत्नी ने बताया.. 


कमरे में दोनों सहेलियाँ खिलखिला रही थीं.....


"अच्छा सच बता.... ये चाय वाय, चक्कर क्या है....सहेली ने कुरेदते हुए पूछा.... 


"अरे कुछ नही यार.... वो कल रात वाली पार्टी मैं मिस नहीं करना चाहती.... बस इसीलिए थोड़ा मक्खन लगाया जा रहा है....और क्या.... वैसे मैं  और चाय.... मगर चाय हीं क्यों ?....


सहेली ने फिर पूछा तो शर्माजी की होनहार बिटिया बोली .... यार तू नहीं समझेगी .... ये ऐसी वैसी चाय नही है.... मक्खन वाली चाय है मक्खन वाली ......मतलब जब माँ-बाप को उल्लू बनाना हो, तब बड़े काम आती है.... खुद पापा भी यही करते है दादी के साथ ...काम निकलवाने को पिलाते हैं मक्खन वाली चाय ... और वह भी खुद लेकर जाते हैं.... ऊपर वाले तल्ले पर दादी के कमरे में....


शर्माजी की बिटिया हँसने लगी.... सुनकर उसकी सहेली भी हँस पड़ी....।

.

वहीं दरवाज़े पर खड़े-खड़े शर्मा जी और उनकी पत्नी सुन्न हुए जा रहे थे..... दोस्तों यही है ईश्वर का न्याय ... जैसे को तैसा....


*जैसे कर्म करेगा, वैसा फल देगा भगवान....*


*ये है गीता का ज्ञान.... ये है गीता का ज्ञान....*


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

No comments:

Post a Comment