Sunday, September 13, 2020

 इन पलो में साथ हो, कुछ पल तुम मेरे

तेरे होने का एहसास हो, मुझमे तेरे

तू हो, मैं होऊं और संग मेरा खुदा

मेरे संग मेरे ख़्वाब हों, कर न सके कोई जुदा

कुछ पल की ही तो बात है

ये हल्का नया सा जो एहसास है

फिर ना मिलेंगे ये पल

जी आज में तू, ये फिर ना मिलेंगे कल!


मैं झूम लूं, नाच लूं, पागल बनकर

मैं गा लूं, कुछ तराने तेरे, कोयल बनकर

फिर शायद ये बुलबुल उड़ जाएं

यहां सावन में ये बहार न आये!

इन पलो में जब साथ तू होने लगा हूँ बेपरवाह

आजा जता लूं ख़्वाब अपने, कितने हैं बेपनाह

कुछ ही पलों...... ये फिर ना मिलेंगे कल!


सोचूँ कि बता दूं तुम्हे,

 देखूं और मुस्कुरा दूं तुम्हे!

चाहूं कि बस चाहता रहूं, 

हरपल साथ खड़ा मिलूं तुम्हे!

यूँ झूमकर, आज सारे दर्द भूलकर

अपने ख्वाबों से मिला दूं तुम्हे

तुम संग हो तो, सारे जमाने से लड़कर हरा दूं

हरपल तुम रहना साथ मेरे, जीतकर नया जहां दूं तुम्हे

कुछ ही पलों...... ये फिर ना मिलेंगे कल!

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