अपनी कीमत उतनी रखिए,
जो अदा हो सके !
अगर अनमोल हो गए तो,
तन्हा हो जाओगे..!
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले..
Pyar usse iss qadar karta chala jaaun,
Wo zakhm de aur main bharta chala jau
Usski zid hai ki wo mujhe maar hi dale,
To meri b zid hai ki uspe marta chala jaau
उम्र गुज़र गयी किसी का दिल
दुखाना नहीं आया
झूठ और फरेब से
सनी कहानी सुनाना नहीं आया
सोचता हूँ कि वो कितने बदनसीब इंसान
थे,
जिन्हें हम जैसे इंसान से
रिश्ता बनाना नहीं आया...
प्यार की हर रसम निभाई थी मैने..
तुम्हें पाने के लिए हर किश्ती डुबाई थी मैने..
तुमने कदर ना जानी मेरी वफाओ की..
तुम्हारी चाहत में हर खुशी लुटाई थी मैने..
जो अदा हो सके !
अगर अनमोल हो गए तो,
तन्हा हो जाओगे..!
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले..
Pyar usse iss qadar karta chala jaaun,
Wo zakhm de aur main bharta chala jau
Usski zid hai ki wo mujhe maar hi dale,
To meri b zid hai ki uspe marta chala jaau
उम्र गुज़र गयी किसी का दिल
दुखाना नहीं आया
झूठ और फरेब से
सनी कहानी सुनाना नहीं आया
सोचता हूँ कि वो कितने बदनसीब इंसान
थे,
जिन्हें हम जैसे इंसान से
रिश्ता बनाना नहीं आया...
प्यार की हर रसम निभाई थी मैने..
तुम्हें पाने के लिए हर किश्ती डुबाई थी मैने..
तुमने कदर ना जानी मेरी वफाओ की..
तुम्हारी चाहत में हर खुशी लुटाई थी मैने..
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