Monday, December 29, 2014

 किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ
लेना दोस्तों


दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत
हैं...!!





आग लगी थी मेरे घर को,
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..!
क्या बचा है ?
मैने कहा मैं बच गया हूँ..!
उसने हँस कर कहा फिर साले जला ही क्या है.....😎





दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है...




‬: ये दिल तुम्हारे पास गिरवी है, इसलिए तुम्हारी कदर
करते हैं.....
वरनi..
तेरी जो फितरत है, वो नफरत के भी काबिल
नही....




 Pane Ki Aarzu Me Jiye To
They Bahut
.....
Aansu Hi Na Nikle Roya To
The Bahut
......
Pal Bhar Ke Liye Unhe
Aazmaya To Tha Bahut
......
Apna Hi Na Bana Sake Jise
Chaha Tha To Bahut...!
......

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