Wednesday, December 31, 2014

 तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे शराब से भी कड़वे होते है
कहते है पीनेवाले मर जाते है जवानी में,
हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखानेमे




 आज कल की दुनिया में
सच्चा दोस्त मिलना बहोत ही मुश्किल है

मैं खुद हैरान हूँ
कि तुम लोगों ने मुझे ढूढ़ कैसे लिया





 वो आज भी सर्दी में ठिठुर रही है दोस्तों;
मैंने एक बार बस इतना कह दिया कि,
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"स्वेटर के बिना कैटरीना लगती हो।"




 पीनेकी आदत थी मुजे,
"उसने" अपनी कसम देकर छुडा दी,

शाम को यारों की महफिल में बैठा तो ..
यारों ने "उसकी" कसम देकरपीला दी ..

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