💕💕किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तो...
दरअसल छोटी सी इस उम्र है और "गोपीया" बहुत हैं💕💕
` अब मेरी जिंदगी से ख्वाहिस बस इतनी सी है,..
के एक तेरा साथ हो और जिंदगी कभी ख़तम ना हो.`
💕💕जब लगा था "तीर" तब इतना "दर्द" न हुआ ग़ालिब...
"ज़ख्म" का एहसास तब हुआ जब "कमान" देखी अपनों के हाथ में।💕💕
😠😠😠😠😠😠😠
कबका छोड़ दिया हमने लोगों के पीछे चलना,
जिससे जितनी मोहब्बत की उसने उतना गिरा हुआ समझा..
दरअसल छोटी सी इस उम्र है और "गोपीया" बहुत हैं💕💕
` अब मेरी जिंदगी से ख्वाहिस बस इतनी सी है,..
के एक तेरा साथ हो और जिंदगी कभी ख़तम ना हो.`
💕💕जब लगा था "तीर" तब इतना "दर्द" न हुआ ग़ालिब...
"ज़ख्म" का एहसास तब हुआ जब "कमान" देखी अपनों के हाथ में।💕💕
😠😠😠😠😠😠😠
कबका छोड़ दिया हमने लोगों के पीछे चलना,
जिससे जितनी मोहब्बत की उसने उतना गिरा हुआ समझा..
No comments:
Post a Comment