Tuesday, December 30, 2014

 💕💕किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तो...

दरअसल छोटी सी इस उम्र है और "गोपीया" बहुत हैं💕💕




` अब मेरी जिंदगी से ख्वाहिस बस इतनी सी है,..


के एक तेरा साथ हो और जिंदगी कभी ख़तम ना हो.`





 💕💕जब लगा था "तीर" तब इतना "दर्द" न हुआ ग़ालिब...
"ज़ख्म" का एहसास तब हुआ जब "कमान" देखी अपनों के हाथ में।💕💕
😠😠😠😠😠😠😠




 कबका छोड़ दिया हमने लोगों के पीछे चलना,

जिससे जितनी मोहब्बत की उसने उतना गिरा हुआ समझा..

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