Sunday, December 28, 2014

"दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझको, बस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए"



इस सदी की आस्था को देखकर हम डर गये...!!



पत्थरों को मिला दूध, बच्चे भूख से मर गये...!!!




 Agar main hd se guzar jau toh muje maaf karna,
Tere dil me utar jau toh mujhe maaf karna,
Raat me tujhe dekh ke tere deedar ki khatir,
Pal bhar jo theher jaun toh mujhe maaf karna…!!




तकदीरें बदल जाती हैं, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो;
 वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है ‘तकदीर’ को इल्ज़ाम देते देते!




 जब मै पैदा हुआ था तब हस रहि थी ए दुनिया और रो रहा था मै ।अब साला इतना नाम कमाऊंगा ..हसते हुए जाऊंगा और रोएगी ए दुनिया..!!



: वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते
हो हजारों के बीच ?
में ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू
हुआ था इश्क हज़ारों के बीच



 Marzi jo bhi un ki marzi wahi hamari
wo jis me hum se khush hai us me khushi humari

Un par nisaar hona maqsood e zindagi hai
kis kaam ki hai warna ye zindagi hamari

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