Monday, December 29, 2014

डूबना है तो समुद्र में जाके डुबो, किनारे पर क्या रखा है,
प्यार करना है तो बाहो में आके करो किनारे पर क्या रखा है….




कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा,
कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया,
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा., शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा……




तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
जिसका रास्ता बहुत खराब है…

मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…

काटो के बदले फूल क्या दोगे…
आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…

हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?




: तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है
इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है
यूँ तो रातों को नींद नही आती
पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है


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