Monday, December 29, 2014

‬: हम गए थे उनको मनाने के लिए
वो खफा लगे तो हमने खफा हि रहने दिया.....

अर्थात - कविता की इस पन्क्ति में कवि अपनी प्रेमिका से कह रहा है - " तेल लेवा जा"....!!!!
😜😝😛




 मां--
मां तो जन्नत का फूल है, प्यार करना उसका उसूल है , दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,
मां की हर दुआ कबूल है , मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है ,
मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है ,




💢हमारे हाथ में गिटार नहीं
बंदुक ही अच्छी लगती हैं
वैसे भी सामनेवाला दोनो
की धुन पे नाचता है💢 😉




 Dillagi dosto ke naam hoti hai
Dilldari dosto ki shaan hoti hai

Kahi bhi raho par rahoge dil me mere
Yahi sachchi dosti ki pehchaan hoti hai

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