Thursday, December 25, 2014

मेवालाल एक ‘बार एंड रेस्टोरेंट’ में घुसा और चिल्लाया, ‘मुझे एक हाफ चिकन तंदूरी दो और यहां बैठे बाकी लोगों को भी मटन खिलाओ,
क्योंकि जब मैं खाता हूं, तो मैं चाहता हूं कि सब खाएं।’ खाना खाने के बाद मेवालाल फिर चीखा,
‘मुझे एक शैंपेन की बोतल दो और यहां बैठे बाकी लोगों को भी बीअर पिलाओ,
क्योंकि जब मैं पीता हूं, तो मैं चाहता हूं कि सब पिएं।’ सभी मेवालाल से बहुत खुश हुए और उसकी तारीफ करने लगे।

ड्रिंक्स खत्म करने के बाद वह फिर चिल्लाया, ‘मुझे मेरा बिल दो और यहां बैठे बाकी लोगों को भी उनका बिल दो,
क्योंकि मैं चाहता हूं कि जब मैं बिल चुकाऊं तो सब अपना-अपना बिल चुकाएं!’
मेवालाल का अंतिम संस्कार कल 10 बजे है।



 तौहीन ना कर शराब को कड़वा
कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे शराब से भी
कड़वे होते है...
।। कहते है
पीनेवाले मर जाते है
जवानी में ।।
।। हमने तो
बुजुर्गों को जवान होते देखा है
मैखाने में ।।🍺

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