Wednesday, December 24, 2014

धीरे धीरे उम्र कट जाती है
ज़िन्दगी यादों की किताब बन जाती है
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है
- किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते, फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते....

-जी लो इन पलों को हस के जनाब,
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते....।😊



आदते अलग है हमारी दुनिया वालो से,
कम दोस्त रखते है लेकिन लाजवाब रखते है.
क्योंकि, बेशक हमारी गैंग छोटी है,
पर सदस्य उसमे सारे सुलतान मिर्ज़ा जैसे रखते है.




 एक काम करना,थोड़ी सी मिट्टी लेना,
उससे दो प्यारे से दोस्त बनाना।

इक तुझ जैसा....एक मुझ जैसा....
फिर उनको तुम तोड़ देना।

फिर उनसे दोबारा दो दोस्त बनाना,
इक तुझ जैसा...एक मुझ जैसा...

ताकि तुझ में कुछ-कुछ मैं रह जाऊँ
और मुझ में कुछ-कुछ तुम रह जाओ।

कुछ तुम जैसा कुछ मुझ जैसा



 बहुत ही आसान है जमीं पे आलीशान मकानों का बना लेना,...
दिल में जगह बनाने में जिन्दगी गुजर जाया करती है ।


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