जन्नत मैं सब कुछ हैं मगर मौत नहीं हैं .. धार्मिक किताबों मैं सब कुछ हैं मगर झूट नहीं हैं दुनिया मैं सब कुछ हैं लेकिन सुकून नहीं हैं इंसान मैं सब कुछ हैं मगर सब्र नहीं हैं
: दाग लगाकर जो खुद बेदाग हो गए
इल्ज़ाम लगा अब वो थानेदार हो गए
वक्त की सरहद पर खड़े है
दोस्त थे जो अब वो दुश्मन हो गए
महोब्बत को जब लोग खुदा मानते हैं..
तो प्यार करने वालो को क्युँ बुरा मानते है.
जब जमाना ही पत्थर दिल है..
तो फिर पत्थरों से लोग क्युँ दुआ माँगते है..
zindagi khwabo ki ek kahani hai,
kabhi khusi kabhi gum ki rawani hai,
ek meetha sa ehsaas jo dil ko sukun deta hai,
sayad yhi dosti ki nisaani hai..!
: दाग लगाकर जो खुद बेदाग हो गए
इल्ज़ाम लगा अब वो थानेदार हो गए
वक्त की सरहद पर खड़े है
दोस्त थे जो अब वो दुश्मन हो गए
महोब्बत को जब लोग खुदा मानते हैं..
तो प्यार करने वालो को क्युँ बुरा मानते है.
जब जमाना ही पत्थर दिल है..
तो फिर पत्थरों से लोग क्युँ दुआ माँगते है..
zindagi khwabo ki ek kahani hai,
kabhi khusi kabhi gum ki rawani hai,
ek meetha sa ehsaas jo dil ko sukun deta hai,
sayad yhi dosti ki nisaani hai..!
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