Tuesday, December 16, 2014

..माँ-पापा पर एक बेहतरीन रचना !...
जिसकी कोख से जन्म होता : वह माँ
जिसके पेट पर खेलने में मजा आता : वह पिता !
जो धारण करती : वह माँ
जो सिंचन करता : वह पिता !
जो गोद में लेकर सहलाती : वह माँ
जो हाथों में धर कर ऊंचा उठाता : वह पिता!
जो उंगली पकड़कर चलना सिखाती: वह माँ
जो कंधों पर लेकर दौड़ना सिखाता : वह पिता!
जो डूब-डूब गगरी करती: वह माँ
जो हर-हर गंगे करता : वह पिता!
जो आँचल तले दबाती: वह माँ
जो पिंजड़े से बाहर निकालता : वह पिता!
जो व्याकुल होती : वह माँ
जो संयम सिखाता : वह पिता!
जो आशीर्वचन जैसी: वह माँ
जो नमस्कार तुल्य : वह पिता!
जिसके सिवा जीवन नहीं : वह माँ
जिसके सिवा भविष्य नहीं: वह पिता!!...

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