Saturday, December 13, 2014

 मैं मिटाने चला था, तुम्हारा वजूद मेरी ज़िन्दगी से…
अब मैं ख़ुद ही से जैसे, कोई अनजाना सा लगता हूँ...



 Kuch pal hote hain kuch pal k liye
ji le inhe har pal k liye
Ye waqt to ret ki tarah fissal jayega
de jayega yaade umar bhar k liye.


 Shraab dard ki dawa hai
Peene se koi khraabi nahi
Dil ke dard se peete hain
Waise hum Shraabi nahi…



 Chashm Hairat Pe koi Darr Nahi Khulne Deta
Aankh Khul Jaye Toh Manzar Nahi Khulne Deta



आंखों में आए तो पानी, दिल में रहे तो आग
जो भी आये जल जाए, यह प्यार है ऐसा राग ।

ऐ दिल तेरी आहों में असर है कि नहीं
जो हाल इधर है वो उधर है कि नहीं

दिल माही-ए-बेताब की मानिन्द है बेताब
इस दर्द भरी शब की सहर है कि नहीं ।

जिनके लिए रातें मेरी बेताब बे ख़्वाब हुई हैं
उनको मेरे इस ग़म की ख़बर है कि नहीं ।

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