Thursday, December 25, 2014

 जिंदगी के रंग कितने निराले हैं साथ देने वाला हर कोई है लेकिन हम अकेले हैं पानी है मंजिल हमें मगर रास्तों में रुकावटे हैं खुशियों में सब साथ हैं, गमों में सब पराये हैं



: हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर



: वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता



 Rota Hun To Ahbaab Bura Maante HainHansta Hun To Mujrim Mujhe Gardante HainHar Haal Mai Aetiraaz Karne WaaleNadaan Mere Halaat Kahan Jaante Hain…



 Jab Rooh Kisi Bojh Se Thak Jaati HaiAhsaas Ki Lo Aur Bhi Barh Jaati HaiMai Barhta Hun Zindagi Ki Janib LekinZanjeer Si Paon Mai Chanak Jaati Hai..

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