Wednesday, December 17, 2014

तुम चुप रहे , ...पयामे मुहब्बत यही तो है,
आंखें झुकी नज़र की कयामत यही तो है,
महफिल में लोग चौंक पड़े ...मेरे नाम पर,
तुम मुस्कुरा दिये , मेरी कीमत यही तो है ,
तुम पूंछते हो तुमनें शिकायत भी की कभी,
सच पूंछिये तो मुझको शिकायत यही तो है,
वादे थे बेशुमार ....मगर ये मिजाज-ए-यार,
हम याद क्या दिलायें नजाकत यही तो है ,
मेरे तलब की हद है न तेरी अदा की हद ,
मुझको तेरी कसम से निदामत यही तो है ।।



Mujhe Khamosh Raahon Main Tera Saath Chahiye...!
Tanha Hai Mera Haath Tera Haath Chahiye...!!

Mujh Ko Mere Muqadar Per Itna Yaqeen To Hai...!
Tujhko Bhi Mere Lafz Meri Baat Chahiye...!!

Main Khud Apni Shairy Ko Kya Achha Kahun...!
Mujh Ko Teri Tareef, Teri Daad Chahiye...!!

Ehsas-E-Muhabbat Tere Hi Waste Hai ''Lekin''...!
Junoon-E-Ishq Ko Teri Har Soughat Chahiye...!!

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