: तीन अच्छी बातें -
१. गलतफहमी दूर न की जाऐं तो वो नफरतों में बदल जाती हैं!
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२.जो #शख्स आपसे दूसरों की कमियाँ बयान करता है , वो दूसरों से निश्चित ही आपकी बुराई करता होगा।
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३. #पानी जैसे बनो जो अपना रास्ता खुद बनाता है , पत्थर जैसे नही जो दूसरों का रास्ता रोकता है।
मै शायर नही बस दिल के अहसासों को शब्दों की माला मे पिरोती हूँ ___!
मेरी शायरी मेरा तजुर्बा पढ़ कर शायद कोई तो सँभल जाँए
यूँ ही नहीं मिलती राही को मंज़िल, एक जूनून सा दिल में जगाना पड़ता है ।
पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना तो बोली,
भरनी पड़ती है उड़ान बार बार तिनका तिनका उठाना पड़ता है ।
न महफिल अजीब है..न मंजर अजीब है..
चलाया है जो उसने..
..वो खंजर अजीब है..!!!
ना डूबने देता है ना ही निकलने देता है..
उसकी आँख में जो है वो समंदर अजीब है....!!!
गुलाम बनकर जिओगे तो.
कुत्ता समजकर लात मारेगी तुम्हे ये दुनिया
नवाब बनकर जिओगे तो,
सलाम ठोकेगी ये दुनिया….
“दम” कपड़ो में नहीं,
जिगर में रखो….
बात अगर कपड़ो में होती तो, सफ़ेद कफ़न में,
लिपटा हुआ मुर्दा भी “सुल्तान मिर्ज़ा” होता.
१. गलतफहमी दूर न की जाऐं तो वो नफरतों में बदल जाती हैं!
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२.जो #शख्स आपसे दूसरों की कमियाँ बयान करता है , वो दूसरों से निश्चित ही आपकी बुराई करता होगा।
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३. #पानी जैसे बनो जो अपना रास्ता खुद बनाता है , पत्थर जैसे नही जो दूसरों का रास्ता रोकता है।
मै शायर नही बस दिल के अहसासों को शब्दों की माला मे पिरोती हूँ ___!
मेरी शायरी मेरा तजुर्बा पढ़ कर शायद कोई तो सँभल जाँए
यूँ ही नहीं मिलती राही को मंज़िल, एक जूनून सा दिल में जगाना पड़ता है ।
पूछा चिड़िया से कैसे बना आशियाना तो बोली,
भरनी पड़ती है उड़ान बार बार तिनका तिनका उठाना पड़ता है ।
न महफिल अजीब है..न मंजर अजीब है..
चलाया है जो उसने..
..वो खंजर अजीब है..!!!
ना डूबने देता है ना ही निकलने देता है..
उसकी आँख में जो है वो समंदर अजीब है....!!!
गुलाम बनकर जिओगे तो.
कुत्ता समजकर लात मारेगी तुम्हे ये दुनिया
नवाब बनकर जिओगे तो,
सलाम ठोकेगी ये दुनिया….
“दम” कपड़ो में नहीं,
जिगर में रखो….
बात अगर कपड़ो में होती तो, सफ़ेद कफ़न में,
लिपटा हुआ मुर्दा भी “सुल्तान मिर्ज़ा” होता.
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