Thursday, December 11, 2014

: वो भी मुझे याद करती होगी,
मुझसे मिलने से पहले थोडा बहुत सजती होगी,
बिछड़ने के बाद फिर से मिलने का इंतज़ार करती होगी,
दिन भर सहेलियों से मेरे बारे में कहती होगी,
और रात को नींदों में मेरे ही ख्वाब देखती होगी,
मेरी याद में वो अपने बालो को सवारती होगी,
कभी कभी अपने नाखुनो को चबाती होगी,
हर आहट पे वो मेरा नाम लेती होगी,
रास्ते पे नेना बिछाके वो मेरे लिए छत पर बैठती होगी,
या फिर कही ऐसा तो नहीं के,
ये सारी बाते मुझसे जुडी हो,
और में ही कहता हु की ये बाते उससे जुडी होगी,



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खुप काही अपेक्षा करावी आणि सत्यात काहीतरी वेगळंच असावं, असे प्रसंग प्रत्येकाच्या आयुष्यात येतात.
कोणतीही अपेक्षा न करता मिळणारी गोष्ट जे सुख देऊन जाते त्याला तोड नसते.
कारण मुद्दाम लावलेल्या एअर कंडीशन पेक्षा अचानक अंगावरून गेलेली गार वाऱ्याची झुळूक जास्त सुख देऊन जाते..!


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🌿🍇

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