**** कडवा सच ****
भरोसे बिना का रिश्ता,
नेटवर्क बिना के मोबाइल जैसा होता है,
भरोसा ना हो तो रिश्तों में ....
और नेटवर्क ना हो तो मोबाइल में ..
लोग गेम खेलना शुरू कर देते हैं......
💕💕आज खुदा से मुलाकात हुई
थोडी ही सही पर बात हुई
मैने आपके बारे मे भी पूछा कि
ये इंसान कैसा है ?
खुदा बोला :"रिश्ता बनाए रखना
बिल्कुल मेरे जैसा है"💕💕
वो ""दोस्त"" मेरी नजर में ....
बहुत माएने रखते हैं,
जो वक़्त आने पर मेरे सामने
""आइने"" रखते हैं।.
: वो जो हमसे नफरत करते हैं,हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,नफरत है तो क्या हुआ यारो,कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।
भरोसे बिना का रिश्ता,
नेटवर्क बिना के मोबाइल जैसा होता है,
भरोसा ना हो तो रिश्तों में ....
और नेटवर्क ना हो तो मोबाइल में ..
लोग गेम खेलना शुरू कर देते हैं......
💕💕आज खुदा से मुलाकात हुई
थोडी ही सही पर बात हुई
मैने आपके बारे मे भी पूछा कि
ये इंसान कैसा है ?
खुदा बोला :"रिश्ता बनाए रखना
बिल्कुल मेरे जैसा है"💕💕
वो ""दोस्त"" मेरी नजर में ....
बहुत माएने रखते हैं,
जो वक़्त आने पर मेरे सामने
""आइने"" रखते हैं।.
: वो जो हमसे नफरत करते हैं,हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,नफरत है तो क्या हुआ यारो,कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।
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